गुरुग्राम। गुरुग्राम जिला प्रशासन ने गुरुग्राम में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान के लिए स्पीड डिटेक्टर सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया है। यह निर्णय शुक्रवार को उपायुक्त यश गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया।
उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को ऐसी 20 जगहों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए, जहां स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाने की जरूरत है। ये कैमरे कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम के तहत लगाए जाएंगे।
गर्ग ने बैठक में कहा कि सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए स्पीड डिटेक्टर कैमरे लगाना बहुत जरूरी है, ताकि वाहनों को निर्धारित गति सीमा के भीतर चलाया जा सके।
जीएमडीए के एक अधिकारी ने कहा कि गुरुग्राम में 222 स्थानों पर 1,200 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है, जिनमें से 800 सीसीटीवी कैमरे 167 स्थानों पर चालू हैं और 55 स्थानों पर कैमरे लगाने का काम जारी है।
उन्होंने कहा कि जिले में कई स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं। यह काम अपेक्षित गति से नहीं चल रहा है। संभवत: मार्च के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा।
बैठक में अधिकारियों ने दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे (एनएच -48) पर राजीव चौक और अन्य चौक के बारे में चर्चा की, जिन्हें ब्लैक स्पॉट (जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं) के रूप में वगीर्कृत किया गया है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, 2020 में दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर कुल 194 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जिसमें 116 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 105 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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