स्वामी विवेकानंद कहते थे कि, "एक विचार लो, उस विचार को अपना जीवन बना लो - उसके बारे में सोचो, उसके सपने देखो, उसे जियो। अपने तन-मन-मस्तिष्क को उस विचार में डूब जाने दो और अन्य सभी विचारों को एक किनारे रख दो। यही सफल होने का तरीका है।"
इन्हीं शब्दों को अपनी प्रेरणा बनाकर सफलता पाने के एकनिष्ठ विचार के साथ आगे बढ़े राकेश दौलताबाद, जो कि बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं। 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने बीजेपी की लहर के बीच भी अपने जोश और जज्बे को कम नहीं होने दिया, जिसका नतीजा रहा कि उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी (भाजपा के मनीष यादव) को दस हजार वोटों से पीछे धकेल कर जीत का सेहरा अपने सर बांधा।
जब दो बार की असफलता को भी नहीं बनने दिया जीत के मार्ग की रुकावट
वो कहते हैं न कि मैदान में हार या जीत कोई बड़ी बात नहीं है बल्कि हर हाल में आगे बढ़ना और अपनी मंजिल मिलने तक कोशिशें करते रहना, यह बड़ी बात है। कुछ ऐसी ही कहानी यहां भी हुई, जब राजनीतिक परिदृश्य में अपेक्षाकृत नए खिलाड़ी के रूप में राकेश ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और इस क्षेत्र के राजनीतिक दिग्गज के खिलाफ धावक की स्थिति के साथ सभी को चौंका दिया। 2009 में विधानसभा चुनावों में उन्हें उपविजेता के रूप में संतोष करना पड़ा और 2014 के चुनावों में, उन्हें तथाकथित 'मोदी लहर' में एक भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ खड़ा किया गया था, जहां वह फिर से वोटों के अंतर को कम करते हुए उपविजेता के रूप में उभरे। उक्त समय चुनावों में भले ही उन्हें हार देखने को मिली हो परंतु उनका वोट प्रतिशत हमेशा बढ़ता रहा, जिसका नतीजा वर्ष 2019 में उन्हें प्रत्यक्ष रूप से मिला।
परिवर्तन संघ के माध्यम से 28 वर्षों से जारी है जनसेवा
राकेश, जिन्हें स्थानीय जनता "भाई राकेश दौलताबाद" के नाम से जानती है, वह एक गैर-लाभकारी संस्था परिवर्तन संघ के माध्यम से 1997 से समाज सेवा क्षेत्र में सक्रिय हैं। इस संगठन के तहत समय समय पर बहुत से अभियान संचालित कराते हुए समाज कल्याण की मुहिम चलाई जाती हैं। परिवर्तन संघ के जरिए स्वच्छता अभियान, निर्धन छात्रों को आर्थिक सहायता, रक्तदान शिविर, गरीब कन्याओं का विवाह, महिला सशक्तिकरण इत्यादि अनेकों लोकहित अभियानों का सफल संचालन किया जाता है।
जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए राकेश ने समय समय पर सामाजिक मुद्दों को उठाया। अपने लगातार प्रयासों के माध्यम से वह क्षेत्र के निवासियों द्वारा सामना की जाने वाली कई समस्याओं को हल करने में सक्षम रहे हैं। वर्ष 2009 में उन्होंने अधिक से अधिक लोगों की सेवा करने और सकारात्मक कार्रवाई के माध्यम से अपनी चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने का निर्णय लिया।
2018 में जोर शोर से उठाया भवानी एन्क्लेव के लोगों का मुद्दा
2018 में जब बसई, गुरुग्राम के भवानी एन्क्लेव में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के द्वारा घरों को अवैध बताकर तोड़ा गया, जिसके खिलाफ राकेश ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से आवाज उठाई, जनता के बीच लोगों के दर्द को रखा और छत के बदले छत की मांग रखी। साथ ही उन्होंने सरकार से लोगों को मुआवजा दिए जाने की भी बात बढ़-चढ़कर रखी। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा बेहद गर्माया और राकेश के द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री काफी वायरल हुई। इसी प्रकार नजफ़गढ़ ड्रेन का दंश झेल रहे हजारों किसानों के लिए भी वह आवाज उठा चुके हैं।
आमजन के मुद्दों पर रखते है विचार
बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक के तौर पर राकेश की विभिन्न विकास योजनाओं का कारवां जारी है, वह अक्सर बादशाहपुर (गुरुग्राम) की जनता के अहम मुद्दों जैसे प्रदूषण, जलभराव, शिक्षा विकास, सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार सहित अनेकों मुद्दों को विधानसभा में प्रमुखता से रखते देखे जा सकते हैं। वहीं "विधायक आपके द्वार" कार्यक्रम के जरिए भी राकेश जनता के बीच मौजूद रहते हैं और बिजली, पानी, सड़कें, स्वच्छता इत्यादि से जुड़ी जन समस्याओं पर सुनवाई की जाती है।