हरियाणा सरकार अगले वर्ष यानी 2025 में नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी में है, जिसमें वैश्विक शिक्षा मानदंडों को शामिल किया जाएगा। इससे जिले में शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा और ऊर्जा का संचार होगा। इस नीति को धरातल पर उतारने की दिशा में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण पहल देखी गई, जब ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल गुरुग्राम में शिक्षण संस्थान स्थापित करने और मौजूदा संस्थानों के सहयोग से विदेशी पाठ्यक्रमों को पेश करने के उद्देश्य से जिले में दौरे पर आया।
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति: प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश ने की। इस छह सदस्यीय मंडल में जेम्स कुक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर साइमन बिग्स, डॉ. स्टेसी फेरावे, मिस कीट्स, और ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के शिक्षा विभाग से मैथ्यू जॉनसन, नैथेनियल वेब, अन्नू जैन सहित अन्य उच्च अधिकारी शामिल थे। यह प्रतिनिधिमंडल गुरुग्राम में शैक्षिक संभावनाओं का अवलोकन करने और भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आया था।
गुरुग्राम का भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक महत्व: प्रतिनिधिमंडल ने गुरुग्राम के भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक महत्व पर विशेष ध्यान दिया। जिला उपायुक्त अजय कुमार ने उन्हें बताया कि गुरुग्राम एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो न केवल भौगोलिक दृष्टि से बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी बहुत खास है। उन्होंने यह भी बताया कि इस क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए निवेश से जनहित में बड़ा योगदान होगा।
ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने क्या किया? इस दौरान, ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल ने गुरुग्राम विश्वविद्यालय (काकरौला) और सेक्टर-51 स्थित अन्य परिसर का दौरा किया और यहां के शिक्षकों से बातचीत की। उन्होंने विदेशी पाठ्यक्रमों की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया, ताकि स्थानीय छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा मिल सके। यह कदम शिक्षा क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने भी किया सहयोग का वादा: प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी मुलाकात की, जिनसे उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया, जिससे शिक्षा क्षेत्र में नए अवसरों की शुरुआत हो सके।
नई शिक्षा नीति और वैश्विक मानदंड: इस दौरे से यह स्पष्ट हो गया कि गुरुग्राम और हरियाणा के अन्य हिस्सों में शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक मानदंडों को शामिल किया जाएगा। आगामी नई शिक्षा नीति के तहत हरियाणा में शिक्षा को और भी आधुनिक, समग्र और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की योजना है।
इस पूरी प्रक्रिया से अंदाजा लगाया जा रहा है कि गुरुग्राम और हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है, जो न केवल स्थानीय छात्रों के लिए बल्कि अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए भी नए अवसर पैदा करेगा।